एक सोच बदलनी है,,,

मुझे कुछ हासिल नहीं करना है और ना ही कुछ बनना है मेरा बस एक ही सपना है अपने घरवालों और बाकी के आस पास वालों की सोच बदलनी है जो हम लडकियों को बाधकर रखने की है !!!

जो सोचते हैं अगर लडकी घर से बाहर जाएगी तो हमारी बदनामी होगी !!!!!

कितनी अजीब बात है हर चीज की रोक टोक हर पहरे लडकियों पर ही क्यूँ होतें है !!!

हर गलत काम की जिम्मेदार एक लड़की ही को क्यूँ मानते हैं सोचा है कभी एक लड़की बनकर उसकी तरह जिंदगी जीकर नहीं ना अगर जीते तो सब कुछ समझ आ जाता !!!!

एक लड़की होना कभी भी आसान नहीं होता !!!

❤AAISHA GOUR❤

6 thoughts on “एक सोच बदलनी है,,,

  1. नज़रिया और दामन,,
    पाक-साफ पाए जाते तो
    बंदिशें कौन लगता,,,
    बात,, गहराई से सोचना
    जमाने के नजर से,,
    क्यु कोई अपनों को छिपाता

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